झारखंड में इंजीनियरिंग शिक्षा को मजबूती: सरकार ने 7 नए कॉलेजों में 337 संकाय पदों को दी मंजूरी
रांची, झारखंड (जून 2025): झारखंड सरकार ने राज्य में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और विस्तार करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य के मंत्रिमंडल ने हाल ही में 7 नवस्थापित सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में शिक्षण कर्मचारियों की भारी कमी को दूर करने के लिए कुल 337 संकाय पदों (फैकल्टी पोजीशन्स) को मंजूरी प्रदान की है। यह निर्णय इन संस्थानों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं और आने वाले भविष्य के इंजीनियरों के लिए एक अहम खबर है।
मंजूरी के प्रमुख बिंदु
1. लक्षित संस्थान: ये पद सिमडेगा, चाईबासा, गुमला, पलामू, गढ़वा, साहिबगंज और पाकुड़ जिलों में स्थित नए सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए हैं।
2. पदों का विवरण: मंजूरी प्राप्त पदों में विभिन्न स्तरों पर नियुक्तियां शामिल हैं:
• प्रोफेसर (Professor)
• एसोसिएट प्रोफेसर (Associate Professor)
• सहायक प्रोफेसर (Assistant Professor)
3. विभागवार आवंटन: ये पद इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं जैसे सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग आदि के लिए होंगे।
4. भर्ती प्रक्रिया: इन पदों पर भर्ती झारखंड तकनीकी सेवा आयोग (JTSCE - Jharkhand Technical Service Commission for Engineering) या संबंधित विभाग द्वारा विज्ञापन जारी करके की जाएगी। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होने की संभावना है।
पृष्ठभूमि और आवश्यकता
• इन 7 नए इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थापना राज्य के दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा की पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से की गई थी।
• हालांकि, इन संस्थानों में पर्याप्त संख्या में स्थायी संकाय सदस्यों (फैकल्टी) की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई थी, जिसका सीधा असर शिक्षण की गुणवत्ता और छात्रों के सीखने के अनुभव पर पड़ रहा था।
• अक्सर अस्थायी या अतिथि शिक्षकों पर निर्भरता या कुछ विभागों में बहुत कम स्थायी शिक्षक होने की समस्या थी।
• एआईसीटीई (AICTE - अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद)** के मानदंडों के अनुसार संकाय-छात्र अनुपात (Faculty-Student Ratio) बनाए रखना भी इन नए कॉलेजों के लिए कठिन हो रहा था।
अपेक्षित लाभ
1. शिक्षण गुणवत्ता में सुधार: पर्याप्त और योग्य शिक्षकों की नियुक्ति से कक्षाओं और प्रयोगशालाओं में शिक्षण का स्तर सुधरेगा।
2. छात्र हित: छात्रों को बेहतर मार्गदर्शन, नियमित कक्षाएं और गहन ज्ञान प्राप्त होगा।
3. संस्थागत विकास: कॉलेजों को AICTE और अन्य नियामक निकायों से मान्यता बनाए रखने में मदद मिलेगी। अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
4. रोजगार सृजन: राज्य के शिक्षित युवाओं, विशेषकर इंजीनियरिंग स्नातकों और पोस्ट ग्रेजुएट्स के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
5. क्षेत्रीय विकास: दूरस्थ जिलों में तकनीकी शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने से उन क्षेत्रों का समग्र विकास होगा।
अगले चरण
• संबंधित विभागों और झारखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (JUT - Jharkhand University of Technology) द्वारा जल्द ही विज्ञापन जारी करने की उम्मीद है।
पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria) आमतौर पर AICTE के निर्देशों के अनुरूप होंगे, जिसमें शैक्षणिक योग्यता (जैसे B.E/B.Tech, M.Tech, Ph.D), NET/SET/GATE योग्यता (जहां लागू हो) और अनुभव शामिल हैं।
भर्ती प्रक्रिया में लिखित परीक्षा और/या साक्षात्कार शामिल हो सकते हैं।
विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
शिक्षाविदों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह निर्णय इन नए इंजीनियरिंग संस्थानों को स्थिरता और विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। हालांकि, उन्होंने भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और तेजी से पूरा करने पर भी जोर दिया है ताकि नए शिक्षक जल्द से जल्द कार्यभार संभाल सकें।
निष्कर्ष
झारखंड सरकार द्वारा 7 नए इंजीनियरिंग कॉलेजों में 337 संकाय पदों की मंजूरी राज्य में तकनीकी शिक्षा के भविष्य के लिए एक सकारात्मक और आवश्यक कदम है। इससे न केवल इन संस्थानों में शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे और राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के विकास को गति मिलेगी। अब निगाहें भर्ती प्रक्रिया के तेज और प्रभावी क्रियान्वयन पर टिकी हैं।
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